Manipur viral Video :- क्यूँ महिलाओं के कपड़े उतारकर घुमाया, जानें पूरा सच

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आपको पता ही होगा हाल ही मे एक वीडियो बहुत तेजी से फैल रहा है जिसमें कुछ पुरुष दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमा रहे थे इस ब्लॉग में हम उसी Manipur viral Video के बारे मे आगे बात करने वाले है.

क्या है मणिपुर हिंसा की वज़ह

मणिपुर के भौगोलिक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए। मणिपुर भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसकी राजधानी इम्फाल है। यह एक छोटा प्रदेश है, जिसका कुल भू-भाग 10% है और यहां की आबादी का 57% हिस्सा इम्फाल शहर में रहता है। बाकी 90% भू-भाग पहाड़ी इलाके हैं, जिसमें 43% आबादी बसी हुई है। इम्फाल घाटी में मैतेई समुदाय की आबादी ज्यादा है, जो अधिकांशतः हिंदू होते हैं और प्रदेश की कुल आबादी का लगभग 53% अंश है। इसके कारण, मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई समुदाय से संबंधित हैं।

साथ ही, पहाड़ी इलाकों में 33 अनुसंधान के आधार पर मान्यता प्राप्त जनजातियां रहती हैं। इनमें प्रमुख रूप से नगा और कुकी जनजाति हैं, जो ईसाई धर्म के अनुयायी होते हैं। इसके अलावा, मुस्लिम और सनमही समुदाय की भी लगभग आठ प्रतिशत आबादी है।

मणिपुर के संविधान के अनुसार, भौगोलिक विशेषता के कारण पहाड़ी जनजातियों को विशेष दर्जा और सुविधाएं मिलती हैं, जो मैतेई समुदाय को नहीं मिलती। लैंड रिफॉर्म एक्ट के कारण मैतेई समुदाय को पहाड़ी इलाकों में ज़मीन खरीदने में रुकावटें आती हैं, जबकि जनजातियों को यह स्थानांतरित होने में कोई रुकावट नहीं होती। इससे दोनों समुदायों के बीच मतभेद उत्पन्न होते हैं।

इस रूपरेखा में, हमने मणिपुर के भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की है। यहां रहने वाले विभिन्न समुदायों के बीच संघर्ष और मतभेद हैं, जिसका कारण भौगोलिक और सांस्कृतिक विभिन्नता है। भारतीय संविधान के अनुसार भी इन समुदायों के लिए अलग-अलग सुरक्षा और सम्मान की व्यवस्था की गई है।

Manipur viral Video पर प्रधानमंत्री ने क्या कहा

प्रधान मंत्री मणिपुर हिंसा के संबंध में अपनी आक्रोश पूरी तरह से व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरा हृदय दुखी है, और उससे क्रोध भी उभरा है। मणिपुर में हुई घटना किसी भी समाज के लिए शर्मनाक है। इससे पूरे देश को बहुत बड़ी शर्मिंदगी हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को इससे बहुत बुरा लग रहा है। सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध है कि वे माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए सख़्त कदम उठाएं। अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें। चाहे घटना राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, हमें राजनीतिक विवादों से बाहर निकलकर कानूनी व्यवस्था और महिला के सम्मान पर ध्यान देना चाहिए। किसी भी अपराधी को माफ नहीं किया जाएगा। मणिपुर की उन बेटियों के साथ जो हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।”

मणिपुर में हिंसा की वजह क्या है

वर्तमान तनाव की शुरुआत चुराचंदपुर जिले से हुई। यह जिला भारतीय राज्य मणिपुर के दक्षिण में स्थित है और इम्फाल राजधानी से करीब 63 किलोमीटर की दूरी पर है। चुराचंदपुर में ज्यादातर कुकी आदिवासी निवास करते हैं। 28 अप्रैल को द इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने गवर्नमेंट लैंड सर्वे के खिलाफ आंदोलन के तहत चुराचंदपुर में आठ घंटे का बंद का ऐलान किया था। लेकिन उस बंद का असंतोष पूरी तरह से हिंसक रूप ले लिया गया। उसी रात, तुइबोंग एरिया में उपद्रवियों ने वन विभाग के ऑफिस को आग लगा दिया। इस हिंसा के कारण, पुलिस और कुकी आदिवासी आमने-सामने आ गए।

पांचवें दिन तीन मई को, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ आयोजित किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य मैतेई समुदाय को एसटी (Scheduled Tribe) का दर्जा देने के विरोध में था। इस मार्च से संबंधित हिंसा के कारण, जिले की स्थिति काफी बिगड़ गई। आदिवासी आंदोलन के पक्ष के लोग एक तरफ थे, जबकि दूसरी ओर कुकी और नगा समुदाय के लोग खड़े थे। इस हिंसा के कारण पूरे प्रदेश में उथल-पुथल थी।

तीन मई को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की एक रैली होने की योजना थी, लेकिन उपद्रवियों ने रैली के तिरंगे को दहलाने के लिए टेंट और कार्यक्रम स्थल पर आग लगा दी। इससे मुख्यमंत्री का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। अब तक इस हिंसा के कारण 150 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं और तीन हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।

 

इस ब्लॉग के माध्यम से हमने आपको Manipur viral Video का सच बताया है यदि इसमें कोई त्रुटि होती है तो उसके लिए माफ़ी चाहता हूँ. 

India news365


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