हरियाली तीज: विवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष त्योहार

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हरियाली तीज : हिन्दू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज हर वर्ष सावन माह की तीसरी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष, यह 19 अगस्त को पड़ता है। हरियाली तीज विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन, महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं ताकि उनके पति की लंबी आयु की कामना कर सकें। साथ ही, अविवाहित कन्याएं इस उपवास का पालन करती हैं ताकि वे अपने चुने हुए जीवनसाथी को प्राप्त कर सकें।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तीज की पूजा के बाद जो दान किया जाता है, उससे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुदगल के अनुसार, हरियाली तीज के रितुअल का पालन करने से अखंड वैवाहिक सुख प्राप्त होता है। इस दिन, पानी नहीं पीने का उपवास रखा जाता है और रात्रि में जागरण भी किया जाता है।

हरियाली तीज व्रत

पंडित नंद किशोर मुदगल यह सुझाव देते हैं कि देवी पार्वती की पूजा के दौरान उन्हें सोलह श्रृंगार के सामग्री से सजाना चाहिए और फिर उन्हें ब्राह्मण को दान करना चाहिए। वे वर्णन करते हैं कि आपके द्वारा पूजा के बाद चढ़ाए गए सिंदूर की मांग में लगाने से अखंड वैवाहिक सुख की कामना की जा सकती है।

उन्होंने यह भी सम्मति दी कि पूजा के बाद फल का भी दान करना शुभ माना जाता है, और साथ ही उन्होंने यह भी सम्मति दी कि जरूरतमंद को वस्त्र दान करना भी अच्छा होता है।

हरियाली तीज शुभ मुहूर्त

इसके साथ ही, तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे तक है, सूर्योदय के अनुसार। इस समय के दौरान, महिलाएं पूजा करती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती से आशीर्वाद मांगती हैं।

तीज एक त्योहार है जो विवाहित महिलाओं को उनके पतियों के साथीपन का जश्न मनाता है और वैवाहिक सुख की आशीर्वादना और दिव्य प्रेम की कीमत की याद दिलाता है।

पर्व का महत्व:

तीज का महत्व धरती माता की आराधना और प्रकृति के सौंदर्य की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। यह पर्व प्राकृतिक सौंदर्य और हरित परियोजना की दिशा में एक प्रयास भी है। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और भगवान शिव और पार्वती की खुशी पाने की कामना करती हैं।

पर्व की तैयारियाँ:

तीज के पर्व के आगे लोग खास तैयारियाँ करते हैं। महिलाएं खास तौर पर हरियाली रंग की साड़ियाँ पहनती हैं और खास अंगूठी, चूड़ियाँ आदि से सजती हैं। पर्व के दिन व्रत करने के लिए व्रती महिलाएं सुबह से ही उठकर स्नान करती हैं और व्रत के नियमों का पालन करती हैं।

 

तीज पर्व की धूम:

तीज के पर्व के दिन लोग महिलाओं के लिए विशेष खाने-पीने की व्यवस्था करते हैं। महिलाएं सज-धज कर आपस में मिलती हैं और खुशियों के गीत गाती हैं। खास तौर पर गांवों में लोग तीज की सवारी करते हैं, जिसमें राजघराने की सवारी, घोड़ा-गाड़ी और गाने-गीतों की धूमधाम होती है।

 

रस्में और परंपराएँ:

तीज के पर्व पर कई परंपराएँ और रस्में होती हैं। व्रती महिलाएं द्वारका जाकर शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाती हैं और गौ माता की पूजा करती हैं। इसके बाद व्रती महिलाएं किसी वृक्ष की छाया में बैठकर गीत गाती हैं और तीज की व्रत कथा सुनती हैं।

 

पर्व का आधुनिक रूप:

आजकल के समय में हरियाली तीज का आयोजन बड़ी धूमधाम से होता है। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें गायन, नृत्य और खास रंगीन आयोजन शामिल होते हैं।

तीज एक प्रकृति के सौंदर्य का पर्व है जो महिलाओं के लिए खास रूप से है। इस दिन वे भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेती हैं। यह पर्व हमें प्राकृतिक सौंदर्य की महत्वपूर्णता याद दिलाता है और हमें प्रेरित करता है कि हम प्रकृति की रक्षा करें और उसकी देखभाल करें।

FAQs – हरियाली तीज

हरियाली तीज क्या है?

हरियाली तीज एक हिन्दू त्योहार है जो हर साल सावन माह की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्वपूर्ण है जिसमें वे अपने पति की दीर्घ आयु और खुशियों की कामना करती हैं।

 

हरियाली तीज कब  है?

हरियाली तीज पर्व हर साल सावन मास की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह 19 अगस्त को होगा।

 

कौन-कौन सी महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं?

हरियाली तीज का व्रत विवाहित महिलाएं और कुंवारी कन्याएं दोनों ही रखती हैं। विवाहित महिलाएं इसे पति की दीर्घ आयु की कामना के लिए रखती हैं जबकि कुंवारी कन्याएं अपने मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इसका आयोजन करती हैं।

 

हरियाली तीज के किये जाने वाले रितुअल क्या होते हैं?

हरियाली तीज के दिन, महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं और उन्हें सोलह श्रृंगार के सामग्री से सजाती हैं। फिर यह सामग्री दान के लिए दिया जाता है।

 

हरियाली तीज पर किन-किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है?

हरियाली तीज पर फलों और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। दान करने से व्रती की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और उन्हें अखंड वैवाहिक सुख प्राप्त हो सकता है।

 

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त कब है?

हरियाली तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे तक है, सूर्योदय के अनुसार।

 

हरियाली तीज के पर्व का महत्व क्या है?

हरियाली तीज का पर्व विवाहित जीवन में सारे सुखों की कामना करने के लिए मनाया जाता है। इसके रितुअल्स और परंपराएं हमें वैवाहिक सामंजस्य की महत्वपूर्णता और दिव्य प्रेम की महत्वपूर्णता की याद दिलाती है।

 


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