रक्षाबंधन 2023 : रक्षाबंधन, एक पवित्र हिन्दू त्योहार है जो भाई और बहन के प्यार और संबंध को मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इसके माध्यम से बहनें अपने भाई की लम्बी और सुरक्षित जीवन की कामना करती हैं, जबकि भाई उन्हें उनकी सुरक्षा और सहायता की प्रतिज्ञा करते हैं।
इस त्योहार के दिन, बहनें अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उन्हें उपहार देते हैं। यह एक ऐतिहासिक महत्व रखने वाला और आपसी स्नेह और सम्मान का प्रतीक है, जो पारिवारिक बंधनों की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। इस वर्ष, रक्षाबंधन 2023 आपके जीवन में खुशियों और आनंद से भरा हो, और आपके परिवार में और भी अधिक मजबूती और एकता का प्रतीक बने।
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रक्षाबंधन 2023 की तारीख और मुहूर्त समय :

रक्षाबंधन को सभी संस्कृतियों के लोग उत्साह के साथ हर साल मनाते हैं। रक्षाबंधन 2023 की तारीख 30 अगस्त, बुधवार है। इस वर्ष के रक्षाबंधन की शुभारंभ मुहूर्त 11 अगस्त 2023 को 9:28 से 21:14 के बीच है। यह शुरुआत 12 घंटे के लिए है।
रक्षाबंधन धागा समारोह समय – 09:01 PM के बाद रक्षाबंधन भद्रा समापन समय – 09:01 PM रक्षाबंधन भद्रा पूंछा – 05:30 PM से 06:31 PM तक रक्षाबंधन भद्रा मुखा – 06:31 PM से 08:11 PM तक मुहूर्त प्रदोष के बाद ही उपलब्ध होता है जब भद्रा समाप्त हो जाता है पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 30 अगस्त 2023 को सुबह 10:58 बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त – 31 अगस्त 2023 को सुबह 07:05 बजे ।
रक्षाबंधन 2023 पूजा विधि:
पूजा सामग्री तैयारी: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि राखी, दीपक, अगरबत्ती, चावल, दूध, कुंकुम, चावल, रोली, अख्शत, फूल आदि को तैयार करें।
पूजा स्थल तैयारी: पूजा स्थल को साफ सुथरा रखें और एक आसन तैयार करें।
पूजा की शुरुआत: पूजा की शुरुआत गणेश पूजा से करें, जिससे कि किसी भी बाधा का नाश हो और कार्य सुख से पूरा हो।
राखी पर आर्ती करें: राखी को गोले आकार में बांधें और उसे दीपक की आरती करें।
भगवान की पूजा: भगवान की मूर्ति की पूजा करें और उसे पुष्प, अख्शत, कुंकुम आदि से अर्चना करें।
राखी बांधन: बहन राखी को भाई की कलाई पर बांधें और उसे रोली और चावल से सजाएं।
प्रार्थना और आशीर्वाद: राखी बांधन के बाद, बहन भाई की सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करें और उन्हें आशीर्वाद दें।
मिठाई बांटन: पूजा के बाद मिठाई बांटें और परिवार के सभी सदस्यों के साथ खुशियों का संदेश बांटें।
आरती: पूजा की समापन के बाद, भगवान की आरती करें और उन्हें धन्यवाद दें।
बहन का आभार: राखी बांधने के बाद भाई को एक छोटी सी मिठाई दें और उन्हें अपने प्यार और आभार का इज़हार करें।
रक्षाबंधन का महत्व:

रक्षाबंधन एक पवित्र हिन्दू त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और आपसी बंधन की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। इस त्योहार में बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसे सुरक्षा और सहायता की प्रतिज्ञा करता है।
यह एक पारिवारिक और सामाजिक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्यार, समर्पण और समृद्धि की भावना को उत्कृष्टता के साथ प्रकट करता है। रक्षाबंधन के माध्यम से भाई-बहन का एक दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान बढ़ता है, जो उनके बंधन को और भी मजबूत और गहरा बनाता है। इसके साथ ही, रक्षाबंधन सामाजिक सहयोग और एकता की महत्वपूर्णता को भी प्रकट करता है।
रक्षाबंधन 2023 की भारत भर में उत्सव:
रक्षाबंधन के त्योहार को भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण परंपरा है और यहाँ कुछ प्रमुख प्रदेशों में इसकी धूमधाम से मनाई जाती है:
दिल्ली: दिल्ली में राखी की खरीदारी बाजारों में विशेष रूप से किया जाता है और बहनें अपने भाइयों को प्यार और आशीर्वाद देती हैं।
मुंबई: मुंबई में रक्षाबंधन के मौके पर बहनें अपने भाइयों के लिए स्पेशल राखी और उपहार खरीदती हैं और परिवार में मिलकर उत्सव का आनंद लेती हैं।
जयपुर: जयपुर में रक्षाबंधन को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखा जाता है, जहाँ परिवारों में मिलकर पूजा और उपहारों का आयोजन किया जाता है।
कोलकाता: कोलकाता में रक्षाबंधन के त्योहार को धार्मिक आदर्शों के साथ मनाया जाता है, और बहनें अपने भाइयों की सुरक्षा और खुशियों की कामना करती हैं।
चेन्नई: चेन्नई में भी रक्षाबंधन का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, जहाँ बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और विशेष खाने-पीने के आयोजन करती हैं।
इन शहरों में रक्षाबंधन के त्योहार का उत्सव विविधता और आनंद से मनाया जाता है, जिससे भाई-बहन के प्यार का महत्वपूर्ण संदेश समाज में पहुंचता है
रक्षाबंधन 2023 का उत्सव भारत में दर्शाने योग्य स्थान:
मथुरा, उत्तर प्रदेश: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ ही रक्षाबंधन का उत्सव भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
वाराणसी, उत्तर प्रदेश: वाराणसी में गंगा घाटों पर रक्षाबंधन का उत्सव बहनों के द्वारा अपने भाइयों के साथ मनाया जाता है।
राजस्थान: जयपुर, उदयपुर, जोधपुर जैसे राजस्थान के शहरों में रक्षाबंधन का उत्सव राजपूताना संस्कृति के साथ मनाया जाता है।
वृंदावन, उत्तर प्रदेश: वृंदावन में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ रक्षाबंधन का उत्सव मनाया जाता है।
जगन्नाथपुरी, उड़ीसा: जगन्नाथपुरी में रथयात्रा के साथ ही रक्षाबंधन का उत्सव भी धार्मिक आदर्शों के साथ मनाया जाता है।
वायनाड, केरल: वायनाड में आदिवासी समुदायों के बीच रक्षाबंधन का उत्सव अपनी खासियत से मनाया जाता है।
अमृतसर, पंजाब: अमृतसर में स्वर्ण मंदिर हरमंदिर साहिब में रक्षाबंधन के अवसर पर उपवासी और यात्री अपने भाइयों के साथ मनाते हैं।
ये कुछ ऐसे स्थान हैं जहाँ आप भारत में रक्षाबंधन का उत्सव देख सकते हैं और इसकी विविधता और धार्मिक आदर्शों को अनुभव कर सकते हैं।
रक्षाबंधन 2023 के बाद आने वाले त्योहार:
जन्माष्टमी: जन्माष्टमी भगवान कृष्ण की जन्म जयंती है और यह भारत भर में धूमधाम से मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी: गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का उत्सव है, जिसे विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
नवरात्रि: नवरात्रि माता दुर्गा की पूजा के नौ दिनों का उत्सव है जो भारत भर में मनाया जाता है।दशहरा: दशहरा माता दुर्गा की विजय के अवसर पर मनाया जाता है और इसे ‘विजयादशमी’ के नाम से भी जाना जाता है।
दशहरा: दशहरा माता दुर्गा की विजय के अवसर पर मनाया जाता है और इसे ‘विजयादशमी’ के नाम से भी जाना जाता है।दीपावली: दीपावली भारतीय त्योहारों में सबसे बड़ा और प्रसिद्ध त्योहार है, जिसमें दीपों की रौशनी के साथ जीवन की खुशियाँ मनाई जाती है।
ये कुछ आगामी त्योहार हैं जिन्हें रक्षाबंधन के बाद आने वाले हैं और जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।
रक्षाबंधन का भारत में क्यूँ मनाया जाता है
रक्षाबंधन का उत्सव भारत में भाई-बहन के प्यार और संबंध का प्रतीक है। इसे पौराणिक कथाओं और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर मनाया जाता है। एक मुख्य कथा के अनुसार, देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की कलाई पर राखी बांधी थी और उन्हें अपने साथ सुरक्षा की प्रतिज्ञा की थी। इसके आधार पर, रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन की सुरक्षा और कल्याण की प्रतिज्ञा करते हैं और बहन उनके लम्बे और सुरक्षित जीवन की कामना करती हैं।
इसके अलावा, रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार और सहायता के आदर्श प्रतीक के रूप में भी माना जाता है। यह त्योहार उनके बीच के सांबंध को मजबूती और एकता से भर देता है और परिवार के सदस्यों के बीच बंधन को मजबूती देता है।
FAQ’S – Raksha Bandhan 2023
“रक्षाबंधन” के लिए सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर:
रक्षाबंधन 2023 में 30 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन क्या होता है?
उत्तर: रक्षाबंधन एक परिपूर्ण हिन्दू त्योहार है जिसमें भाई-बहन के प्यार और बंधन का प्रतीक होता है।
रक्षाबंधन का क्या महत्व है?
उत्तर: रक्षाबंधन का महत्व भाई-बहन के प्यार और सहायता के संदेश को प्रकट करने में होता है।
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?
उत्तर: रक्षाबंधन भारत में श्रावण मास की पूनम तिथि को मनाया जाता है, जो कि हर साल अगस्त महीने में होती है।
रक्षाबंधन की परंपरा कब से चली आ रही है?
उत्तर: रक्षाबंधन की परंपरा विश्वास की जाती है कि देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की कलाई पर राखी बांधी थी, जिससे इसकी परंपरा चली आ रही है।
रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?
उत्तर: रक्षाबंधन में बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उन्हें आशीर्वाद देती है। भाई उसे उपहार देता है और साथ में प्रतिज्ञा करता है कि वह हमेशा सुरक्षित रहेगा।
राखी क्या होती है?
उत्तर: राखी एक पारंपरिक धागा होता है जिसे बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है। यह प्यार और सुरक्षा की प्रतीक होती है।
रक्षाबंधन के उपहार क्या होते हैं?
उत्तर: रक्षाबंधन के उपहार में सिक्के, धन, जेवरात, वस्त्र, मिठाई और गिफ्ट आदि शामिल हो सकते हैं।
रक्षाबंधन के उत्सव में कौन-कौन सी गतिविधियाँ होती हैं?
उत्तर: रक्षाबंधन के उत्सव में परिवार में मिलकर पूजा और आरती का आयोजन, खास भोजन, उपहारों का विनिमय और भाई-बहन के समय के साथ बिताने शामिल होते हैं।
रक्षाबंधन के उत्सव की कहानी क्या है?
उत्तर: एक मुख्य कथा के अनुसार, देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की कलाई पर राखी बांधकर उनकी सुरक्षा की प्रतिज्ञा की थी, जिससे रक्षाबंधन की परंपरा शुरू हुई।
आप को और आपके परिवार को India News365 की तरफ से रक्षाबंधन 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं
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